कर्ज लेते समय लोग अपनी अर्जन क्षमता का भी तर्कसंगत आकलन नहीं करते.
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कर्ज लेते समय लोग अपनी अर्जन क्षमता का भी तर्कसंगत आकलन नहीं करते.
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प्रगतिवाद की विचारधारात्मक शक्ति का बहुत ही तर्कसंगत आकलन उन्होंने ' प्रगतिवाद: एक दृष्टि ' लेख में किया और प्रगतिवादी समीक्षा की कमजोरियों को उन्होंने बेलाग तरीके से ' समीक्षा की समस्याएं ' निबंध में दर्शाया ।